Flying Car : हालही के ताजा News के मताबिक Hyundai और Aerospace कम्पनी Embraer की मदद से एयर ट्रैवल के लिए नए और किफायती साधनों पर काम कर रही है। इन्होंने एक मॉडल supernal s-a2 Electric Aircraft पेश किया है, जो पायलेट सहित 4 यात्रियों को ले जाने में सक्षम है। इस Electric Aircraft की रेंज अधिकतम 40 मील है. इसे इस प्रकार डिज़ाइन किया है, की ये वर्टिकल उड़ान भरने और वर्टिकल उतरने में भी दक्ष है।
Automobile Delhi : जानी मानी कार निर्माता कम्पनी हुंडई और एयरोस्पेस मिलकर Embraer के सहयोग से Electric Aircraft की मदद से हवाई यात्रा को सफल बनाने का प्रयास कर रही है। हुंडई की सुपरनाल और एम्ब्रायर की Eve Mobility मिलकर इस Electric Aircraft को पूरा करने के लिए काम कर रही है। आइये Electric Aircraft से जुडी कुछ खास जानकारी जानते है।
Electric Aircraft / Flying Car
जानकारी के लिए बता दे इस इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट (Supernal S-A2 ) में 8 रोटर लगे हुए है. ये एक पायलेट के अतिरिक्त अन्य चार यात्रियों के साथ उड़ान भरने में सक्षम है. इसकी रेंज 25 से 40 मील है। क्षमता के हिसाब से ये एक चॉपर के समान होनी वाली है. ये पारम्परिक हेलीकॉप्टर से काफी अलग होगी। इसमें हेलीकॉप्टर की तरह आवाज नहीं होगी।
Electric Aircraft Launching Date
Expected : बैटरी की कीमतों में गिरावट, और टेक्नोलॉजी का एडवांस इस्तेमाल के चलते एक्सपर्ट्स का मानना है की दुनिया अब Flying Car के काफी नजदीक है। इसका निर्माण कार्य प्रगति पर है. आने वाले 2 से 4 सालों में अधिकारी तौर पर air texi के रूप में Flying Car को लॉन्च किया जा सकता है।
Flying Cars कहाँ काम आएगी
Flying cars या फिर बात करें Electric Aircraft के इस्तेमाल की तो इनका इस्तेमाल सामान्य तौर पर घनी आबादी और भीड़-भाड़ वाले शहरों से शुरू किया जायेगा। ताकि ट्रैफिक की समस्या से भी छुटकारा मिल सके। साथ ही आपातकालीन स्थिति में कम दुरी वाले हॉस्पिटल्स में मरीज को पहुंचाने के लिए भी इनका उपयोग किया जाना सम्भव है।
Flying Cars के फायदें
फ्लाइंग कार्स के प्रचलन से अनेकों फायदें हो सकते है. जैसे पैसो और समय की भारी बचत होगी। साथ ही पर्यावरण के नजरिये से भी अनेकों फायदें होंगे। Flying Car अथवा Electric Aircraft रेगुलर हेलीकॉप्टर की तरह आवाज नहीं करते। कुछ अन्य फायदों की सूचि निचे दी गई है।
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- फ्लाइंग कार्स में हेलीकॉप्टर की तुलना में 90% तक तक ईंधन की बचत होगी।
- इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट के चलते हवाई यात्रा के खर्च में कमी आएगी। एक्सपर्ट्स की माने तो 200 से 250 रूपये में 100 किलोमीटर तक की यात्रा संभव होगी।
- इलेक्ट्रिक कार्स के पुर्जे भी छोटे और कम होंगे जिससे उनके रखरखाव और मेंटिनेंस में भी कम खर्च आएगा।
- इन एयरक्राफ्ट्स को कही भी टेकऑफ किया जा सकेगा। जिससे एयरपोर्ट बनाने का खर्च या उसके किराये से छुटकारा मिलेगा।
भारत में भी चल रहा है प्रोजेक्ट
अगर Flying cars को लेकर दुनियाभर की बात करे तो लगभग 200 से भी ज्यादा छोटे-बड़े मॉडल्स पर काम चल रहा है। जिसमें इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी, पैकेज डिलीवरी, और इलेक्ट्रिक प्राइवेट प्लेन प्रोजेक्ट्स शामिल है। भारत में भी VTOL एविएशन इंडिया और यूबीफ्लाई अपने खुद के मेड इन इंडिया एयर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे है।
भारत की VTOL एविएशन इंडिया कम्पनी ने भी ‘अभिज्ञान NX’ नाम से एक दो सीटर एयरक्राफ्ट मोडल पेश किया है। जिसपर अब बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। इसका इस्तेमाल खासकर पहाड़ी इलाकों में सामान पहुँचना, सेना सुरक्षा जैसे कार्यो में और आपातकालीन स्थिति में दवाइयाँ पहुँचने के लिए किया जायेगा।
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FAQ-
क्या वर्तमान समय में कोई उड़ने वाली कार (Flying Car) मौजूद है ?
साल 2018 में जिनेवा मोटर शो के दौरान सबसे पहली Flying Car को दुनिया के सामने पेश किया गया था।
क्या टेस्ला कम्पनी उड़ने वाली कार पर काम कर रही है ?
क्या वर्तमान समय में कोई उड़ने वाली कार (Flying Car) मौजूद है ?
साल 2018 में जिनेवा मोटर शो के दौरान सबसे पहली Flying Car को दुनिया के सामने पेश किया गया था।
फ्लाइंग कार के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी ?
फ्लाइंग कार को चलाने के लिए निश्चित रूप से ट्रैंनिंग पूरी करने और अच्छा अनुभव पाने की आवश्यकता होगी।